स्वामी विवेकानंद के विचारों के अनुसार बन रहा नया भारत: देवगन

 

नई दिल्ली। स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रासंगिता पहले से ज्यादा आज ज्यादा प्रासंगिक है। उनके विचारों से प्रेरित होकर ही भारत आज विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। विश्व भारत की ओर आज देख रहा है तो उसके मूल में विवेकानंद का विचार ही है। उक्त विचार गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कामर्स में आयोजित संगोष्ठी में न्यूज़18 के समूह संपादक अमिश देवगन ने कही। राष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी जी के विचारों की गूंज आज भी गुंजायमान है। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध शिकागो सम्मेलन में स्वामी जी द्वारा दिये गए व्याख्यान के आरंभिक पांच शब्दों ने कीर्तिमान स्थापित किया था। संगोष्ठी के विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ सामाजिक कार्यकता आंनद श्रीवास्तव ने स्वामी जी ने शिकागो सम्मेलन और उसके बाद भी भारत के वैभव को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी समाज में व्याप्त गैर-बराबरी, ऊंच-नीच, जातिवाद के प्रखर आलोचक थे। वे भारत को भाव से भरा एवं समरसता से युक्त देखना चाहते थे। भारत आज विवेकानंद की वाणी को आधार बनाकर कार्य कर रहा है। संगोष्ठी की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजीव चोपड़ा ने की। प्राचार्य श्री चोपड़ा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि स्विवेकानंद के विचारों में नये भारत का स्वप्न था। उसे आज की पीढ़ी, विद्यार्थियों को साकार करने है। इस अवसर पर कॉलेज के सभी विद्यार्थी एवं प्राध्यापक उपस्थित थे।

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