सात मई को जंतर-मंतर पर होगी महापंचायत

-दिल्ली के 360 गांवों ने खिलाड़ियों को दिया समर्थन

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने जंतर मंतर पर धरनारत खिलाड़ियों के समर्थन में आए दिल्ली के 360 गांवांे से आए प्रतिनिधियों, पार्षदों व विधायकों संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में मेडल जीत कर देश का मान-सम्मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को पिछले 10 दिनों से जंतर मंतर पर आंदोलन कर रहे हैं। देश की शान हमारी बहनें गर्मी और बारिश में भी आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं, देश के प्रधानमंत्री के पास फुर्सत नहीं कि वे इन खिलाड़ियों को बुलाकर इनसे बात कर सकें। कल भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने ट्वीट किया कि ‘‘आप’’ के नेता इस आंदोलन को हाईजैक करना चाहते है। मैं उनको चुनौती देता हूं कि अगर उनके अंदर समाज और बहन-बेटियों की इज्ज़त को लेकर चिंता है तो वो भी आकर हमारे साथ जंतर मंतर पर बैठें और खिलाड़ियों का समर्थन करें। इन खिलाड़ियों ने पूरी दुनिया में भारत का तिरंगा फहराया है और आज इन्हीें से इनकी जाति पूछी जा रही है। लेकिन हमारा तिरंगा किसी भी जाति से ऊपर है। एक खिलाडी को तैयार करने में एक परिवार अपना सबकुछ दांव पर लगा देता है। मां-बाप अपना पेट काटकर, अपना सब कुछ न्यौछावर कर अपने बच्चे को खिलाडी बनाने के लिए भेजता है और ये खिलाड़ियों की जात पूछ रहे हैं। खिलाड़ियों की एक ही जात है, ये हिंदुस्तानी हैं। जो भारत के लोगों की जाति है, वही हमारे खिलाड़ियों की जाति है। जब ये खिलाड़ी तिरंगे के सम्मान के लिए बाहर जाते है तो उसके साथ सभी जातियों की दुआएं और आशीर्वाद भी जाता है।
उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों को समर्थन देने के लिए दिल्ली के नरेला, बवाना, मुंडका, नजफगढ़, मटियाला, छतरपुर, बिजवासन समेत 360 गांवो के प्रतिनिधि आए हैं। ये एक ही बात कहने के लिए आए हैं कि अगर भाजपा की सरकार यह सोचती है कि इन खिलाड़ियों को हम ऐसे ही सड़क पर छोड़ देंगे और एक दिन मजबूर होकर ये जंतर मंतर छोड़कर चले जाएंगे तो आप ग़लतफहमी में है। केंद्र सरकार को मजबूर होना पड़ेगा। जैसे किसान नहीं गए, क्योकि मजबूर केंद्र को होना पड़ा और तीनों कानून वापस लेने पड़े। सरकार जितना इन खिलाड़ियों का हौसला तोड़ने की कोशिश करेगी, उतना देश से समर्थन का जमावड़ा जंतर मंतर पर लगता रहेगा। अगर केंद्र सरकार इनकी हिम्मत तोड़ना चाहती है तो पूरी दिल्ली के गांव इनकी हिम्मत जोड़ना चाहते हैं।
‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने गांव के प्रतिनिधियों के सामने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि हमारे देश की बेटियां यहां आंदोलन कर रही हैं। इनके समर्थन में दिल्ली के सभी गांवों में पंचायत बुलाई जाए। पंचायत में सभी बिरादरी के लोगों को बुलाकर खिलाड़ियों के समर्थन पर चर्चा की जाए कि क्या हमें इनका साथ देना चाहिए या नहीं? क्या हमें न्याय का साथ देना चाहिए या नहीं? दूसरा, 4, 5, और 6 मई को दिल्ली के सभी गांव अपने-अपने क्षेत्र में पंचायत करे और 7 मई को जंतर मंतर पर खिलाड़ियों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाए। खिलाड़ियों के समर्थन में सभी गांव के लोग, प्रतिनिधि, पार्षद व विधायक 7 मई की सुबह 11 बजे जंतर मंतर पर आएं, ताकि सभी गांवों की महापंचायत की जा सके। सरकार सभी खिलाड़ियों की मांग पर जिम्मेदारी के साथ चर्चा करे और अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो 7 मई को महापंचायत के साथ इस आंदोलन की अगली रणनीति और अगले चरण की घोषणा की जाएगी।
वहीं, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज जंतर मंतर पर दिल्ली के करीब 360 गांवों से प्रतिनिधि आए है। मेडल जीतने वाली हमारी बेटियां इन्हीं गांवों से आती हैं। इन्हीं गांवों से बाहर निकलकर हमारी बेटियां कोचिंग और कैंप में ट्रेनिंग लेने के बाद देश के लिए मेडल लेकर आती है। हमारे इन्ही गांव के लोग अपनी बेटियों को देश का नाम ऊंचा करने के लिए भेजते है। वे सोचते हैं कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बेटी के लिए एक बाप की भूमिका निभाएगा और बेटी को कोचिंग और कैंप में इज्जत मिलेगी। लेकिन उन्होंने जिन लोगों की हिफाज़त में अपनी बेटी को भेजा है, अगर वही लोग उनकी बेटी की इज्जत पर हाथ डालेंगे तो क्या कोई परिवार इस बात को मंजूर करेगा?
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