दिल्ली को मिली कुतुब मीनार से भी लंबी मीनार

-कुतुब मीनार से 2.2 गुना अधिक है ऊंची

नई दिल्ली। दिवाली की पूर्व संध्या पर दिल्ली को एक अन्य महत्वपूर्ण प्रकाश स्तंभ मिल गया है। शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वी के सक्सेना ने इसका उद्घाटन किया। यह प्रकाश स्तंभ राजघाट पावर प्लांट स्थित 166 मीटर ऊंचा चिमनी टावर है, जो राष्ट्रीय राजधानी का सबसे ऊंचा प्रकाश स्तंभ है। सक्सेना द्वारा राजघाट पावर प्लांट का पहली बार दौरा करने के नौ महीने बाद दक्षिणी दिल्ली स्थित कुतुबमीनार, उत्तरी/पश्चिमी दिल्ली स्थित पीतमपुरा टी वी टावर के बाद रोशनी से जगमगाता हुआ यह प्रकाश स्तंभ सेंट्रल,पूर्वी दिल्ली का उत्कृष्ट लैंडमार्क होगा। यह स्तंभ आईटीओ मेट्रोपॉलिटन सिटी सेंटर, विशेष रूप से यमुना नदी के उस पार से प्रतिदिन सेंट्रल सिटी क्षेत्र में आने वाले लाखों लोगों के लिए यह एक नए लैडमार्क के रूप में होगा। इससे भविष्य में किए जाने वाले अन्य विशेष कार्यों का भी संकेत मिलता है, जिन्हें बाद में पावर प्लांट परिसर के नवीनीकरण और अनुकूल पुन: उपयोग के माध्यम से शुरू किया जाएगा। बता दें कि पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय पड़ी हुई इस चिमनी को गिराने की योजना बनाई जा रही थी, जिस पर भारी लागत का खर्च उठाना पड़ता तथा धूल प्रदूषण का सामना करना पड़ता और सी एंड डी अपशिष्ट में भारी बढ़ोतरी होती। उपराज्यपाल ने 19 फरवरी 2023 को राजघाट पावर प्लांट का पहली बार दौरा किया और उन्होंने इस चिमनी को शहर एवं उसके निवासियों के लिए स्थायी सम्पत्ति के रूप में बदलने का निश्चय किया। एलजी की अध्यक्षता में राज निवास में विभिन्न बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें यह निर्णय लिया गया कि राजघाट पावर हाउस को सूचना और मनोरंजन का स्थान बनाने हेतु बिजली उत्पादन तंत्र को जनता के लिए 5डी अनुभव के रूप में प्रदर्शित करने के लिए प्रयोग किया जाएगा। रोशनी से जगमगाती हुई 72.5 मीटर ऊंची कुतुब मीनार, जिसे जनता के लिए खोला गया है, की तुलना में राजघाट पावर प्लांट चिमनी, जो कुतुब मीनार से 2.2 गुना अधिक ऊंची है, को प्रभावी ढंग से रोशन करने में तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जगमगाते हुए इस चिमनी टॉवर ने राजधानी के स्काईलाइन में महत्वपूर्ण पहचान बनाई है। 28 एकड़ क्षेत्र में फैला कोयला आधारित राजघाट पावर प्लांट 1989 में चालू किया गया था। हालांकि, प्रदूषण फैलने की चिंता के कारण इसे 2015 में बंद कर दिया गया था।

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