नई दिल्ली। आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के तत्वावधान् में सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के द्वारा अमृत परियोजना के अंतर्गत स्वच्छ जल स्वच्छ मन का शुभारम्भ यमुना छठ घाट आईटीओ से किया गया। इसके साथ ही ये कार्यक्रम 1100 से अधिक स्थानों के 730 शहरों, 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में एक साथ आयोजित की गई।
इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन के सभी अधिकारीगण, केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के मंत्री सहित स्वयंसेवक और सेवादल के सदस्य सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संत निरंकारी मिशन की वेबसाईट के माध्यम से किया गया जिसका लाभ देश एवं विदेशों में बैठे सभी श्रद्धालुओं एवं निरंकारी भक्तों ने प्राप्त किया।

इस परियोजना का शुभारम्भ करते हुए सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परमात्मा ने हमे यह जो अमृत रूपी जल दिया है तो हम सभी का कर्त्वय बनता है कि हम सब उसकी उसी तरह संभाल करे। स्वच्छ जल के साथ साथ मनों का भी स्वच्छ होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इसी भाव के साथ हम संतो वाला जीवन जीते हुए सभी के लिये परोपकार का ही कार्य करते है।

संत निरंकारी मण्डल के सचिव आदरणीय जोगिन्दर सुखीजा जी ने विस्तृत जानकारी दी कि ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत दिल्ली एवं ग्रेटर दिल्ली के लगभग सभी क्षेत्रों की स्वच्छता की गई जिनमें अशोक विहार का संजय झील, कैनल सोर यमुना, दिल्ली का आईटीओ छट घाट, दिल्ली के निगम बोध घाट, भलस्वा झील, यमुना का सुर घाट, यमुना का राम घाट, दिल्ली का कालिंदी कुंज घाट इत्यादि स्थान प्रमुख है। इसके अतिरिक्त ग्रेटर दिल्ली से मुख्यतः ब्रजघाट गढ़, मुक्तेश्वर गंगा, सूरजपुर, गाजियाबाद का हिण्डन घाट, मण्डोरा तालाब, संकहोल गांव, गुरूग्राम के सोहना रोड पर स्थित दम दमा झील, सोनीपत का गोरीपुर, अशानध रोड नदी इत्यादि की स्वच्छता सभी स्वयंसेवको द्वारा पूरे उत्साह के साथ की गई।