मुगल शासन के अंतिम काल पर लिखित नाटक ‘सीढ़ियां’ का मंचन 

-डेढ़ घंटे का नाटक दो घंटे से अधिक समय तक मंचित हुआ और लोग अपनी सीट पर जमे रहे

नई दिल्ली। मुगल शासन के अंतिम काल में मानवीय मूल्यों की पड़ताल करते नाटक ‘सीढ़ियां’ का लुत्फ एनसीआर के सैकड़ों प्रबुद्ध लोगों ने उठाया। दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखित एवं अरविंद सिंह द्वारा निर्देशित इस नाटक के मंचन में समकालीन आकार ग्रुप के कलाकारों ने पूरी जान लगा दी। लंबे समय के बाद मंच पर अपनी छाप छोड़ने की ललक सभी में दिखी। दरअसल, कोरोना काल से उबर रहे लोग ऐसे ही किसी शुद्ध मनोरंजन की तलाश में थे। तभी तो डेढ़ घंटे का नाटक दो घंटे से अधिक समय तक मंचित हुआ और लोग अपनी सीट पर जमे रहे। मुख्य अतिथि के रूप में सुरेश शर्मा निर्देशक नार्थ जोन कल्चर सेंटर प्रयागराज, संजय जैन उपसचिव कला एवं संस्कर्ति विभाग दिल्ली तथा लाम्बा वेन थुपटें दकप, वेन सोनम ग्यालटसो, वेन वांगचुक दोरजी हिमाचल, लदाख, तिब्बत मौजूद थे। सभी ने नाटक को खूब सराहा। दर्शकों के रूप में विशेष रूप से रोहित त्रिपाठी, एस पी सिंह आदि ने नाटक की काफी प्रशंसा की। नाटक का आयोजन मुक्त धारा, बंग संस्कृति भवन गोल मार्किट नई दिल्ली में किया गया ।
संस्कृति मंत्रालय के वित्तीय सहयोग से समकालीन आकार ग्रुप ने इसकी पूरी टीम ने लिए खास तैयारी की थी। इस नाटक के प्रस्तुति-संयोजन का जिम्मा खुद कंचन शर्मा ने उठाया, जो इस तरह की सांस्कृतिक गतिविधियों को आयोजित करने में हमेशा आगे रहती हैं। नाटक को कलात्मक रूप देने में सीनियर कलाकार डॉ सत्य प्रकाश का काफी सहयोग रहा। वस्त्र परिधान के मालिक डालचंद ने सभी कलाकारों के लिए विशेष रूप से नई ड्रेस तैयार की, जिसे सभी ने सराहा।
मंच पर मोहम्मद शाह रंगीला के किरदार में भूपेश जोशी का रौबदार रोल सभी को पसंद आया, जबकि नूर बाई के किरदार में रुचिका अग्रवाल ने भरपूर नफासत डाली। सलीम के किरदार में मानव गुप्ता ने भी दर्शकों की वाहवाही लूटी। कुदेशिया बेगम के रोल में रितिका मेहरा खूब जमीं। इसके अलावा अमीरन का किरदार पूनम सिंह, खालू का नीरज सिंह, सफबगंज का वीरेंद्र सिंह, अलीमुद्दीन का राजेश सिंह, बब्बन का शयिम, छक्कन का किरदार रंजन ने बखूबी निभाया। सेट परिकल्पना डॉ सत्य प्रकाश की थी, जबकि रुचिका अरोड़ा ने नृत्य संरचना से सबका मन मोह लिया। उद्घोषक के रूप में प्रसून नारायण के अलावा संस्कृति मिश्रा, शशि एंड राजू ने नाटक को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई। मेकअप मैन के रूप में विनोद कुमार एवं सहायक के रूप में संध्या वर्मा ने बहुत सुंदर मेकअप किया। संगीत संचालन के रूप में प्रसून नारायण ने मजा बांध दिया । नगरवासियों के रूप में नीलिमा, वरुण वर्मा, विनायक, राजू आदि ने भूमिका निभाई। नाटक व्यवस्था देखने में जयनारायण शर्मा, निशांत व कनिष्क ने भूमिका नभाई।

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