नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान एक व्यक्ति पर कथित रूप से नृशंस हमला करने और उसे जिंदा जलाने के मामले में छह लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला की अदालत ने अमन, विक्रम, राहुल शर्मा, रवि शर्मा, दिनेश शर्मा और रंजीत राणा के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए हैं।
इन सभी पर 25 फरवरी 2020 को एक व्यक्ति को जिंदा जलाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है। ये घटना मुख्य खजूरी पुस्ता रोड की है। अभियोजन पक्ष ने कहा कि पीड़ित की खोपड़ी का एक टुकड़ा और कुछ हड्डियां मिली थीं। ऐसे में उसके पिता के डीएनए नमूने से मिलान कर उसकी पहचान की गई। न्यायाधीश प्रमाचला ने आदेश में कहा कि उन्होंने पाया कि सभी आरोपियों पर आईपीसी की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा फैलाना), 148 (दंगा फैलाना), 302 (हत्या), 341 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 395 (डकैती) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोप तय किए जाने चाहिए।
अदालत ने कहा कि आरोपियों को अवैध रूप से इकट्ठा होने, जनसेवक के आदेश का उल्लंघन करने, धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने के अपराधों के लिए भी मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयानों को देखने के बाद यह सामने आया है कि आरोपी उस भीड़ का हिस्सा थे, जिसने 24 फरवरी 2020 एकत्र होकर अगले दिन दंगा करने की ”साजिश” रची थी। इसी के तहत पीड़ित को निशाना बनाया गया। अदालत ने कहा कि प्रथमदृष्टया साक्ष्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए काफी है। अदालत ने पुलिस को इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।