अलर्ट पर दिल्ली के सभी अस्पताल, बढ़ाए गए हैं बेड

- सभी अस्पतालों में 5 से 20 ‌बेड किए गए रिजर्व

नई दिल्ली। दीपावाली की रात आग की घटनाओं में घायल होने वाले मरीजों को तुरंत चिकित्सकीय सुविधा देने के लिए दिल्ली के सभी अस्पताल अलर्ट मूड पर हैं। सभी अस्पतालों 5 से लेकर 20 बेड तक रिजर्व किए गए हैं। इन बेडों पर दिवाली की रात केवल आग से जलने वाले मरीजों को उपचार होगा। दिल्ली में पिछले साल आग की घटनाओं में 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। ऐसे में किसी भी प्रकार की संभावनाओं को देखते हुए सभी अस्पताल के बर्न्स विभाग को निर्देश दिए गए हैं।

पूर्वी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के निदेशक सुभाष गिरी ने बताया कि दिवाली की रात आग की घटनाएं काफी आती हैं। ऐसे मरीजों के लिए अस्पताल के बर्न्स विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। दिवाली की रात विभाग के सभी डॉक्टर अस्पताल में रहेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों के लिए अस्पताल में 6 बेड रिजर्व किए गए हैं। वहीं लोकनायक अस्पताल के बर्न्स विभाग को भी अलर्ट रहने को कहा गया है। अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि ‌सेंट्रल दिल्ली से बड़ी संख्या में मरीज आपातकालीन विभाग में पहुंचते हैं। ऐसे मरीजों के लिए अलग से बेड रिजर्व हैं।

वहीं एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने भी जलने के मामलों की आशंका को देखते हुए 15 से लेकर 20 अतिरिक्त बिस्तर लगाएं। इसके अलावा बर्न विभाग के डॉक्टरों की छुट्टियों को रद्द किया गया है डॉक्टरों ने कहा है कि पटाखे या दीए जलाते समय वे विशेष सावधानी बरतें। खास तौर पर आंखों को सबसे ज्यादा सुरक्षित रखने की जरूरत है।

बॉक्स

इनसे बचें

सफदरजंग अस्पताल के बर्न्स विभाग के प्रमुख डॉ. सलभ कुमार ने बताया कि दिवाली के दिन लहराते हुए खुले कपड़ों में खतरा अधिक रहता है। कोशिश की जानी चाहिए कि ‌लहराते हुए कपड़े न पहनें। यदि ऐसे कपड़े पहनते हैं तो दीये से दूर रहें। डॉक्टर सलभ कुमार ने बताया कि दीवाली पर लोग लहराते हुए खुले कपड़े पहनते हैं जिसमें आसानी से आग लग जाती है। उन्होंने कहा कि दिवाली के दौरान दिया जलाते हुए विशेष ध्यान देना चाहिए। वहीं पटाखे से दूरी बनाए, यदि जलाते भी हैं तो दूरी बनाकर रखें।

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