उपराज्यपाल को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे : केजरीवाल

-राज निवास मार्ग पर पुलिस ने मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों और विधायकों को रोका

नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग पर फिनलैंड भेजने से उपराज्यपाल द्वारा रोके जाने के विरोध में सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सभी मंत्रियों और विधायकों ने विधानसभा से एलजी हाउस तक पैदल मार्च किया। मुख्यमंत्री अपनी पूरी सरकार के साथ जब राज निवास मार्ग पर श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट के पास पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया और केजरीवाल करीब एक घंटे तक अपने मंत्रियों व विधायकों के साथ एलजी से मिलने का इंतजार करते रहे लेकिन एलजी ने विधायकों के साथ मिलने से इंकार कर दिया।

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता तानाशाही सहन नहीं करेगी। दिल्ली लोकतंत्र से चलेगी। एलजी को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे। दिल्ली को तानाशाही नहीं, बल्कि संविधान और जनतंत्र चाहिए। जनता के हक़ के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। केजरीवाल ने कहा कि यह दुखद है कि एलजी साहब ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों-विधायकों से मिलने से इन्कार कर दिया। हम दिल्ली के दो करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। एलजी साहब ने एक तरह से दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अपमान किया है। वे कहते हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता। ऐसे तो फिर इस देश में ना जनतंत्र बचेगा और ना संविधान बचेगा।

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बता दें कि दिल्ली विधानसभा का सोमवार से तीन दिवसीय सत्र की शुरूआत हुई, लेकिन हंगामे के चलते विधानसभा के स्पीकर ने सत्र को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया। विधानसभा सत्र स्थगित होने के बाद सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड ट्रेनिंग पर जाने देने की अनुमति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सभी मंत्रियों और विधायकों ने विधानसभा से एलजी हाउस तक पैदल मार्च किया। सभी के हाथ में एलजी साहब शिक्षकों को फिनलैंड जाने दो लिखी तख्तियां थी। सीएम सबसे आगे चल रहे थे और उनके साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पीछे बाकी पूरी सरकार चल रही थी। इस दौरान ‘बच्चों की शिक्षा मत रोको, बच्चों की शिक्षा चलने दो, लोकतंत्र में एलजीशाही नहीं चलेगी, शिक्षकों को फिनलैंड जाने दो, शिक्षकों की ट्रेनिंग चलने दो, बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बंद करो, संविधान की हत्या बंद करो, के नारे लगते रहे।
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मुझे लगता है कि एलजी बीजेपी के कहने पर दिल्ली को ठप करना चाहते हैं : सीएम
मीडिया से बातचीत में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे ख्याल से एलजी भाजपा के कहने से दिल्ली को ठप करना चाहते हैं। एलजी ऐसे कैसे दिल्ली को रोक सकते हैं। यह तो बिल्कुल गलत है। हम दिल्ली के दो करोड़ लोगों की जिंदगी से खेलने नहीं देंगे। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे पैदल मार्च का उन पर असर होगा। मुझे बहुत ज्यादा दुख हो रहा है। एलजी कह रहे हैं कि टीचर्स की ट्रेनिंग अपने देश में करा लो, फिनलैंड भेजने की क्या जरूरत है।
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एलजी लिखकर दें कि शिक्षकों को फिनलैंड भेजने से कोई दिक्कत नहीं, बात खत्म हो जाएगी
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम कोई बच्चे नहीं है और एलजी हेडमास्टर नहीं है कि वो हमारे होमवर्क को चेक करते हैं। वो हेडमास्टर की तरह बर्ताव न करें। जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसपर वो हां या ना करके भेजते हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को दो बार नकारा है। अगर उनको कोई एतराज नहीं हैं, तो वो अभी चिट्ठी लिखकर भेज दें कि मुझे शिक्षकों को फिनलैंड भेजने से कोई दिक्कत नही हैं। बात खत्म हो जाएगी।
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हमारे विधायकों से मिलने से मना करने पर आगे की रणनीति पर करेंगे विचार :
सीएम अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ करीब एक घंटे तक एलजी हाउस के बाहर सड़क पर मिलने का इंतजार करते रहे। लेकिन एलजी से अंत में मिलने से साफ इन्कार कर दिया। इस पर सीएम कहा कि एलजी ने मिलने से इंकार कर दिया है। यह बेहद दुख की बात है कि एलजी ने सारी कैबिनेट और विधायकों से मिलने से मना कर दिया। अब आगे की रणनीति पर हम लोग विचार-विमर्श करेंगे।
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फिनलैंड में शिक्षकों को ट्रेनिंग कराने में एलजी को आपत्ति क्यों हैं: सिसोदिया
पैदल मार्च में शामिल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर दिल्ली की चुनी हुई सरकार वहां शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेजना चाहती है, तो एलजी को इसमें आपत्ति क्यों हैं? वह क्यों उसमें टांग अड़ाना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि संविधान में उनके पास कोई शक्ति नहीं है। संविधान की व्याख्या जो सुप्रीम कोर्ट ने की है, उसमें साफ लिखा है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार निर्णय लेगी, एलजी निर्णय नहीं लेंगे। एलजी साहब को हमारी बात माननी पड़ेगी।

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