महिला भागीदारी के बिना किसी भी राष्ट्र का विकास संभव नहीं है: स्मृति ईरानी

नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा द्वारा रविवार को मोर्चा अध्यक्ष योगिता सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली के सिविक सेंटर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रो में अपने अभूतपूर्व कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रदेश भाजपा सह-प्रभारी डॉ अलका गुर्जर, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा, प्रदेश महिला मोर्चा की प्रभारी श्रीमती बरखा शुक्ला सिंह, सह-प्रभारी श्रीमती अर्चना गुप्ता ने महिला दिवस के मौके पर दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं को संबोधित किया और उन्हें अवार्ड देकर सम्मानित किया।
आज जिन महिलाओं को उनके कार्य सेवा को देखते हुए सम्मानित किया गया उन में डॉ प्रीति सेठ, आशमीन  मुन्जल, सोफिया गर्ग, पदमावती द्विवेदी, पूजा शर्मा, ट्वींकल कालिया, निलिमा दत्ता मेहता, डॉ अमिता, शम्मी तलवार, डॉ शैलजा मोहन, कविता गुलाटी एवं मधुराज स्वदेशी का नाम शामिल है।  इस मौके पर प्रदेश महिला मोर्चा की महामंत्री मोनिका पंत एवं टीना शर्मा ने व्यवस्था संचालन किया।
इस मौके पर स्मृति ईरानी ने कहा कि देश में 2014 के बाद जिस तरह महिलाओं के बारे में खुलकर बात हुई वह एक क्रांति के रूप में देश के समाने प्रस्तुत हुई। क्योंकि देश में एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर किसी देश की तरक्की करनी है तो महिलाओं को राष्ट्र विकास में भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी बिना महिला भागीदारी के किसी भी राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आज हम जिस सभागार में बैठे हैं और जिनके नाम पर यह ऑडिटोरियम प्रख्यात है वह श्री केदारनाथ साहनी जी रेहड़ी पटरी पर काम करने वाली महिलाओं बहनों के लिए वित्तीय सहायता देते थे। भले उस महिला से श्री केदारनाथ साहनी जी का परिचय हो या ना हो लेकिन 3000 बहनों का उन्होंने उद्धार किया।
 स्मृति ईरानी ने कहा कि आज हम ऐसी सुषमा स्वराज जी के नाम पर महिलाओं को सम्मान दे रहे हैं जिन्होंने अनेक उच्च उदाहरण स्थापित किये। आज देश में एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और जिन्होंने लाल किले से कहा कि अगर महिला का सम्मान करना चाहते हैं तो उसके लिए शौचालय का होना जरुरी है क्योंकि 40 फीसदी उन महिलाओं के साथ दुर्व्यहार होता था जो महिलाएं खुले में शौच करने जाती हैं।
 वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि हम सब के राजनीतिक आदर्श होते हैं और श्रीमती सुषमा स्वराज जी को हम सब ने काम करते हुए देखा, वह दिल्ली की पहली ऐसी महिला हैं जिन्होंने एक मुख्यमंत्री होते हुए भी राष्ट्रीय प्रवक्ता बनी थी और उन्होंने जो कारनामा कर्नाटका चुनाव में दिखाया उसके हम साक्षी हैं। सिर्फ एक महीने में कन्नड़ सीखना और सभी कार्यकर्ताओं को कन्नड़ में संबोधित करना अपने आप में बताता है कि जब महिलाएं ठान लें तो वह कुछ भी कर सकती हैं।
महिला मोर्चा की अध्यक्षा योगिता सिंह ने कहा कि हमें ना दासी बनना है ना देवी बनना है हमें बराबरी का दर्जा चाहिए और यह काम बखूबी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने करवा के दिखाया है। महिला सशक्तिकरण का ही प्रमाण है कि आज जी-20 में एक महत्वपूर्ण विषय जेंडर इक्वालिटी का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सक्षम नेतृत्व में भारत ने उस विरासत को आगे बढ़ाया है जिसकी नींव सनातम धर्म में रखी गई थी और महिलाओं को ऐसे दायित्व सौपें हैं जिन्हें वे उठाने में सक्षम हैं। सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर महिलाओं के सशक्तीकरण और व्यवसायों में सार्थक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं।
 योगिता सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने महिला के कौशल को और निखारने का काम किया है। महिलाओं को जहां समाज में दोहरी ज़िम्मेदारी निभानी होती है, ऐसी परिस्थिति में कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुविधा और नये अवसर उपलब्ध कराना मोदी सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है।
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