स्पेन के पेड्रो अकोस्टा ने जीती मोटो जीपी-2 रेस, जानें कौन हैं मोटो जीपी और मोटो जीपी-3 के विजेता

 

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में हो रही मोटी जीपी रेस रविवार को समापन हो गया। इटेलियन राइडर मार्को बेजेची मोटोजीपी रेस के विजेता बने हैं, स्पेन के पेड्रो अकोस्टा ने मोटो जीपी-2 रेस में जीत हासिल की है और स्पेन के जाउमे मासिया ने मोटो जीपी रेस-3 का खिताब अपने नाम किया है। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हरदीप सिंह पुरी, अभिनेता जॉन अब्राहम, रणबीर सिंह, क्रिकेटर युवराज सिंह भी पहुंचे।

 

बारिश में भी रेख देखने के लिए दर्शक डटे रहे

बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) में हवा से बातें करती बाइकों को देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग पहुंचे हैं। दर्शकों को देखकर ऐसा लगता है मानो पूरा भारत यहां उतर आया हो। अपने चहेते राइडर्स की झलक पाने के लिए दर्शन उत्साहित रहे। बारिश में भी दर्शक रेस देखने के लिए डटे रहे।

 

बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में शनिवार को मोटोजीपी के क्वालीफाइंग मुकाबले खेले गए। इससे पहले अभ्यास मैच भी खेले गए। मोटोजीपी बाइक रेस देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग ग्रेटर नोएडा पहुंचे हैं। रेस के दीवाने दर्शक तीन दिन का पूरा पैकेज लेकर यहां आए हैं। वह अभ्यास से लेकर फाइनल रेस तक देखेंगे। यहां आए दर्शकों को देखकर लगता है जैसे पूरा भारत बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में उतर आया हो। ट्रैक पर हवा से करती बाइक को देखकर दर्शक शोर मचाकर राइडर्स का उत्साहवर्धन करते रहे।

 

मुंबई से रेस देखने के लिए बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पहुंचे अमन ने बताया कि मोटोजीपी देखने का उनका पुराना सपना था। अब यह पूरा हो गया है। इतना बड़ा आयोजन होना देश के लिए गर्व की बात है। रेस देखकर बहुत मजा आया है। फाइनल रेस देखने के बाद ही वापस जाएंगे। केरल से रेस देखने के लिए दीया बीआईसी पहुंची हैं। दीया ने बताया कि यह खेल बड़ा ही मनोरंजक है। लाइव देखना अपने आप में बड़ी बात है। ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए।

 

महाराष्ट्र से आए समर्थ भी मोटोजीपी रेस देखकर खुशी से झूम उठे। कहा कि जब से इस आयोजन की घोषणा हुई थी, तब से वह इसका इंतजार कर रहे थे। अब रेस देखने में मजा आ रहा है। बहुत ही बढ़िया आयोजन है। हवा से बातें करती बाइक को देखने का अपना अलग मजा है। दिल्ली से आए विक्की ने कहा कि बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर फर्राटा भरतीं बाइक को देखने का अलग अनुभव है। बाइक कब आई और कब निकल गई, इसका पता नहीं चलता है। देश में पहली बार यह रेस हो रही है। ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए।

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