देश के बुद्धिजीवियों ने फिलिस्तीन में महिलाएं और बच्चों पर हो रहे हमले की निंदा की

नई दिल्ली। गाजा पट्टी पर इजराइल के लगातार हमलों को लेकर देशभर के बुद्धिजीवियों ने गहरी चिंता व्यक्त की है। गुरूवार को  दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में इसको लेकर एक बैठक का अयोजन किया गया जिसमें बुद्धिजीवियों के साथ विभिन्न संगठनों ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है। पूर्व सांसद केसी त्यागी, सांसद कुंवर दानिश अली, प्रोफसर बिट्ठल, महासचिव आर समाज, प्रोफेसर अदित्य निगम,प्रोफसर शशि शेखर सिंह,जॉन दयाल, मौलाना महमूद असद मदनी
अध्यक्ष, जमीअत उलमा-ए-हिंद,सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी अमीर, जमात-ए-इस्लामी हिंद,मौलाना असगर अली इमाम महदी अमीर, जमीअत अहले हदीस हिन्द,मौलाना हकीमुद्दीन कासमी महासचिव, जमीअत उलमा-ए-हिंद,जनाब सलीम इंजीनियर जमात इस्लामी हिंद सहित कई बुद्धिजीवियों ने कड़े शब्दों में इजराइल द्वारा फिलिस्तीन के गाजा पट्टी लगातार किए जा रहे हमलों की कड़ी निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया जिसमें कहा गया कि हम फिलिस्तीन, विशेषकर गाजा की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं।
हम निर्दोष लोगों, यहां तक कि बच्चों और महिलाओं की लगातार हत्या के साथ-साथ उनके भोजन, पानी, चिकित्सा और बिजली की आपूर्ति रोके जाने, और आबादी वाले क्षेत्रों पर लगातार बमबारी और गाजा को खाली करने के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं।

हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि यहूदी कब्ज़ा की वजह से गत कई वर्षों से फ़िलिस्तीनियों को उनके घरों और ज़मीनों से लगातार बेदखल किया जा रहा है और इस भूमि के मूल निवासियों, फ़िलिस्तीनियों पर क्रूरतापूर्वक अत्याचार किया जा रहा है।

फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में नई आबादी को लगातार बसाना और अल-अक्सा मस्जिद को लगातार अपवित्र करना और ऐसी अन्य आक्रामक नीतियां सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन हैं, जो कि इस क्षेत्र में निरंतर शांति और व्यवस्था के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा हैं।

ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत कार्रवाई करने और रक्तपात रोकने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है। फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों को बहाल करना और इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना क्षेत्र में निरंतर शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है।

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