शादी की दावत बढ़ा रही मरीजों का शुगर, बीपी-पेट का रोग

- एमसीडी की डिस्पेंसरी में आने वाले मरीजों की बढ़ी संख्या

 

नई दिल्ली। शादी की दावत में हो रही लापरवाही लोगों में शुगर, बीपी और पेट का रोग को बढ़ा रही है। इन दिनों दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों और डिस्पेंसरी में आने वाले ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों से चर्चा के दौरान पता चला कि सामान्य दिनों में कम खाना खाते हैं, लेकिन दावत में लापरवाही की और चिकनाई युक्त व मसालेदार खाना खाया जिस कारण कारण कई तरह की परेशानी हुई। कई लोगों का मधुमेह का स्तर काफी बढ़ गया, जबकि काफी लोग रक्तचाप के उतार-चढ़ाव से परेशान हो रहे हैं।
इस बारे में दिल्ली नगर निगम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आयुर्वेद) डॉ आर पी पाराशर ने बताया कि शादियों का सीजन होते ही लोगों में खाने को लेकर लापरवाही भी बढ़ गई है। स्वाद के लिए बनाए गए भोजन में काफी चिकनाई और मसाले होते हैं। ऐसे भोजन का सेवन डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों लिए नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा खाने में बड़ी लापरवाही भी करते हैं जिस कारण शुगर बीपी और पाचन तंत्र से संबंधित रोगों के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई। उनका कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ ही मधुमेह और हृदय रोगों के नए मरीजों की संख्या बढ़ती है। जबकि पुराने मरीजों की स्थिति गंभीर होती है। सर्दी में पसीना न निकले के कारण शरीर के दोष बाहर नहीं निकल पाते हैं। गर्मी में पसीना निकलने से शरीर काफी हद तक डिटॉक्सिफाई हो जाता है जो सर्दी के मौसम में संभव नहीं हो पता।

तले हुए खाने से बनाए दूरी
डॉ पाराशर ने कहा कि जिन लोगों को शुगर, बीपी या पेट का रोग है। ऐसे लोग तले हुए खाने से दूरी बनाए। ये शुगर और बीपी बढ़ने का मुख्य कारण है। ऐसे लोगों को खान-पान संतुलित, पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक लेना चाहिए। सभी सब्जियों में चिकनाई की मात्रा अत्यधिक होती है इसलिए सब्जी कम मात्रा में सेवन करें। पूरी व नान के सेवन से पेट दर्द, बदहजमी व अफारे जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बेहतर है तवे की रोटी या मिस्सी रोटी बिना घी के साथ लें। एक से अधिक मिठाई का प्रयोग न करें। इसके अलावा मूली, खीरा व दही से बने पदार्थों के साथ दूध या दूध से बने पदार्थों का प्रयोग न करें। इससे शरीर में वात, पित्त व कफ दोषों का संतुलन बिगड़ जाता है।

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