दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनिया होंगी नियमित

-2025 तक हो कच्ची कालोनी का नियमितीकरण-झुग्गियों का पुनर्वास

नई दिल्ली। दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण और झुग्गियों का पुनर्वास का काम साल 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को संसद से पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान), 2023 को लेकर दिल्ली के मुख्य सचिव, एसीएस (यूडी), प्रधान सचिव (पीडब्ल्यूडी), उपाध्यक्ष (डीडीए), आयुक्त (एमसीडी) और विभिन्न संबंधित विभागों व एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में पीएम-उदय और पीएमएवाई (शहरी) के तहत अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण और झुग्गीवासियों के पुनर्वास से संबंधित कार्यों की प्रगति और स्थिति का जायजा लिया गया।

बैठक के बाद एलजी ने अधिकारियों को एक माह के भीतर पूरी योजना की विस्तृत कार्य योजना देने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि इन सभी कार्य को संसद से पारित अधिनियम के तहत प्रदान की गई 2026 की समय सीमा से कम से कम एक साल पहले पूरा किया जाना चाहिए।
बता दें कि दिल्ली के मास्टर प्लान (एमपीडी)-2041 के तहत दिल्ली की सभी अनधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण और झुग्गियों के पुनर्वास पर काम किया जा रहा है। इसमें योजनाबद्ध तरीके से स्थायी समाधान निकालकर इनका विकास किया जाएगा। इसके लिए डीडीए पीएम-उदय, पीएमएवाई और लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर काम कर रहा है।

कोरोना महामारी में हुई देरी

अधिकारियों ने उपराज्यपाल को बताया कि अनधिकृत कॉलोनियों की सीमाओं को सही से निर्धारण न होना, कट ऑफ डेट को बार बार बढ़ाना, झुग्गी बस्तियों की संख्या और लोकेशन को निश्चित न कर पाना से नियमितीकरण और पुनर्वास का काम लंबे समय से लटक रहा है। इस योजना के लिए साल 2019 में पीएम-उदय और पीएमएवाई योजनाएं लाई गयी थी। हालांकि उस समय कोरोना आने के बाद यह काम लंबे समय तक लटक गया।
इस पर उपराज्यपाल ने चिंता जताते हुए कहा कि यह अधिनियम, विभिन्न संस्करणों में दिसंबर, 2006 से लागू है और अगर महामारी के कारण हुई बाधाओं को भी मान लिया जाये तो भी यह मामला बिना किसी विशेष कारण के अब तक लटका हुआ है।

देरी पर होगी कार्रवाई
एलजी ने आदेश दिया कि अनियमित कॉलोनियों के पंजीकरण, सत्यापन और उसके बाद नियमितीकरण के लिए एक ठोस समयबद्ध कार्य योजना लेकर आए। साथ ही इस प्रक्रिया को सरल और परेशानी मुक्त बनाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

5 किमी में मिलेगा घर

उपराज्यपाल ने मलिन बस्तियों के पुनर्वास के संबंध में, जहां पुनर्वास उसी जगह संभव नहीं है, वहां नियमानुसार डीडीए को तुरंत 5 किलोमीटर के दायरे में वैकल्पिक स्थलों की पहचान करने का निर्देश दिया। साथ ही झुग्गीवासियों को पहले से ही बने फ्लैटों/घरों में पुनर्वासित करने का निर्देश दिया। इन फ्लैटों का निर्माण विभिन्न योजनाओं के तहत पहले ही किया गया है।

 

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