निवेशक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

-तकनीकी प्रगति के माध्यम से शेयर बाजारों से धन कमाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई

नई दिल्ली। नागरिक जागरूकता समूह (सीएजी) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और बीएसई के सहयोग से दिल्ली में निवेशक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में नागरिक जागरूकता समूह के अध्यक्ष सुरिंदर वर्मा, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड मुख्यालय, मुंबई के मुख्य महाप्रबंधक राजेश कुमार डांगेटी, उत्तरी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, दिल्ली के क्षेत्रीय प्रमुख वरुण गुप्ता मौजूद थे। सुरिंदर वर्मा ने नवीनतम तकनीकी प्रगति के माध्यम से शेयर बाजारों से धन कमाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे मोबाइल ऐप ट्रेडिंग में लोकप्रिय हो गए हैं और प्रौद्योगिकी अपनाने की चुनौतियों और उन्हें दूर करने के तरीकों पर जोर दिया। उन्होंने प्रौद्योगिकी से उत्पन्न जोखिमों जैसे डेटा चोरी, अनियमितता आदि को भी सामने रखा, जो नुकसान का कारण बनते हैं, लेकिन प्रौद्योगिकी का सही उपयोग लंबे समय में लाभ ला सकता है। उन्होंने कहा कि निवेशकों में शेयर बाजार से संबंधित जागरूकता की कमी है। बहुत अधिक हिचकिचाहट होती है, जो अंतत: जानकारी के अभाव में गलत निर्णय का कारण बनती है।  इसलिए, ऐसे प्लेटफॉर्म की भूमिका निवेशकों को ऐसी परिस्थितियों से निपटने में मदद करना है। वहीं, राजेश कुमार डांगेटी ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से ही सेबी ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि इस महान देश के निवेशक के पास एक सूचित निवेशक, एक सशक्त निवेशक बनने के लिए हर जानकारी और संसाधन उपलब्ध हो। आने वाले वर्ष न केवल भारत के लिए 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था, एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि भारत के पूंजी बाजारों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं और इस दिशा में सेबी ने निवेशक सुरक्षा को और मजबूत करने, प्रतिभूति बाजार की निष्पक्षता, पारदर्शिता और अखंडता को बढ़ाने के लिए विभिन्न सुरक्षा और निवेशक अनुकूल उपाय पेश किए हैं और पेश करना जारी रखा है।निष्पक्षता, पारदर्शिता, प्रकटीकरण और समानता सेबी विनियमों के स्तंभ हैं।
मेरे लिए निवेश बागवानी के बराबर है।  सही बीज चुनना होगा, सही जगह बोना होगा, सही तरीके से पालन-पोषण करना होगा, समय-समय पर निगरानी करनी होगी, मृत पत्तियों,शाखाओं को काटना होगा और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पौधे को फूल आने और मेहनत का फल रिटर्न मिलने का समय देना होगा। उन्होंने कहा कि निवेशकों को अपने निवेश के तरीके को समझदारी से चुनना चाहिए। बीएसई के क्षेत्रीय प्रमुख वरुण गुप्ता ने कहा कि भारतीय वैश्विक स्तर पर ‘बचत ग्रेड’ में सबसे ऊपर हैं, लेकिन किसी तरह वे अभी भी निवेश के रास्ते तलाशने में अनिच्छुक हैं और वित्तीय जागरूकता की कमी के कारण अवसरों से चूक जाते हैं।  निवेश के लिए स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड और अन्य वित्तीय उत्पादों जैसे विविध विकल्प उपलब्ध होने के बावजूद निवेशकों ने अभी तक इन विकल्पों का पूरा लाभ नहीं उठाया है।
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